दिल्ली/ पटना,28 मार्च, 2020.अखिल भारतीय विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संगठन (एआइफुक्टो) के महासचिव सह ज्वाइन्ट फोरम फाॅर मूवमेंट ऑन एडुकेशन (JFME) के राष्ट्रीय संयोजक प्रो(डॉ )अरुण कुमार ने बिहार में जारी शिक्षकों की हड़ताल का पुरजोर समर्थन करते हुए भारत के माननीय प्रधानमंत्री से अविलंब हस्तक्षेप करने की अपील की है ताकि बिहार सरकार द्वारा शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता आयोजित करके शिक्षकों की समस्यायों का निदान किया जा सके।
प्रधानमंत्री को लिखे अपने मार्मिक पत्र में डाॅ कुमार ने बिहार सरकार की हठधर्मिता और घोर संवेदनहीनता का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि वे अपनी सदाशयता का उपयोग करते हुए बिहार सरकार को अविलंब शिक्षक संगठनों के साथ बातचीत करने की सलाह दें ताकि जारी गतिरोध समाप्त हो सके ।
डॉ कुमार ने वर्तमान वैश्विक महामारी कोरोना से उत्पन्न विषम परिस्थितियों की चर्चा करते हुए बताया है कि बिहार सरकार ने अपनी दमनात्मक कार्रवाई के तहत हड़ताल से पूर्व शिक्षकों की कार्यरत अवधि जनवरी और फरवरी का वेतन भी रोक लिया है जो पूर्णतः असंवैधानिक और अमानवीय है।यही सलूक अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों ,इन्टर महाविद्यालयों हेतु वेतनानुदान की राशि,संबद्ध महाविद्यालय के शिक्षकों और कर्मियों एवं मदरसा शिक्षक -कर्मियों के वेतनमद के अतिरिक्त अनुदान की राशि लंबित कर दी गई है।
उन्होंने ने राज्य के साढे चार लाख शिक्षकों द्वारा कोरोना महामारी के खिलाफ जागरूकता फैलाने में अहम भूमिका निभाने के लिए उनकी संवेदनशीलता और सामाजिक दायित्वबोध को रेखांकित करते हुए प्रधानम॔त्री से अपील की है कि वे व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करें ताकि महामारी की इस विषम परिस्थिति में शिक्षकों के समक्ष उपस्थित भयावह आर्थिक परिस्थितियों का समाधान हो सके ।
डॉ कुमार ने प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने की अपील करते हुए बिहार की शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त होने से बचाने काअनुरोध किया है ताकि राज्य के गरीब बच्चों की शिक्षा जारी रह सके ।
डॉ अरुण कुमार
महासचिव, अखिल भारतीय विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संगठन (AIFUCTO)
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राष्ट्रीय संयोजक, ज्वाइन्ट फोरम फाॅर मूवमेंट ऑन एडुकेशन (JFME)